4.44 विद्युत संयोजन का अन्तरण और नामों का नामान्तरण:
(क) संयोजन उपभोक्ता की मृत्यु पर अन्य व्यक्ति के नाम में या परिसर के स्वामित्व या अधिभोग के अन्तरण के मामले में उपभोक्ता के आवेदन पर अन्तरित किया जायेगा।
(ख) नामान्तरण के लिए आवेदन अनुज्ञप्तिधारी के स्थानीय कार्यालय में अन्तरिती या मृत उपभोक्ता के विधिक उत्तराधिकारी द्वारा विहित फीस के साथ विहित फीस के साथ प्रारूप (संलग्नक 4.11) में दाखिल किया जायेगा।
(ग) आवेदन अन्तरण या विधिक उत्तराधिकारी के दस्तावेजी साक्ष्य और उस संयोजन पर विद्युत प्रभार के कारण बकाया न होने के सबूत के साथ दाखिल किया जायेगा।
(घ) अनुज्ञप्तिधारी 21 दिनों के भीतर नामान्तरण मामले को विनिश्चत करेगा। यदि दाखिल खारिज आवेदन अनुज्ञात किया जाता है, तो सूचना आवेदक को संयोजन और औपचारिकताओं के विरुद्ध, जिन्हें अन्तरण होने के लिए पूरा किया जाना है, लम्बित बकाये के सम्बन्ध में सूचना के साथ आवेदक को दी जायेगी।
(ड) लेकिन यदि नामान्तरण आवेदन को अननुज्ञात किया जाता है और नामान्तरण से इन्कार किया जाता है, तो आदेश सकारण आदेश द्वारा आवेदक का स्वयं उपस्थित होने का अवसर प्रदान करने के बाद पारित किया जायेगा। परन्तु यह और कि मामले में, जहां नामान्तरण अनुज्ञात नहीं किया जाता, वहां अन्तरण की ईप्सा करने वाला अन्तरिती पुराने नाम (किन्तु उपभोक्ता के मृत्यु के मामले में नहीं) में संयोजन जारी रखने के लिए सहमत हो सकेगा या स्थायी असंयोजन की ईप्सा करने का विकल्प रख सकेगा और नये संयोजन के लिए आवेदन कर सकेगा।
(च) अन्तरिती या विधिक उत्तराधिकारी 30 दिनों के भीतर लम्बित बकाये, यदि कोई हो, के साथ विहित प्ररूप में नये करार को प्रस्तुत करेगा, अन्तरण प्रभावी किया जायेगा और करार की प्रतिलिपि 07 दिनों के भीतर उपभोक्ता को भेजी जायेगी।
(छ) पी0टी0 डब्लू0 उपभोक्ताओं के मामले में, स्वप्रेरणा से नामान्तरण सरकारी राजस्व विभाग से रिपोर्ट ग्रहण करने के बाद किया जा सकेगा। लेकिन, विधिक उत्तराधिकारी विद्युत बकाये का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा और इस प्रभाव का शपथ-पत्र प्रस्तुत करेगा।
(क) संयोजन उपभोक्ता की मृत्यु पर अन्य व्यक्ति के नाम में या परिसर के स्वामित्व या अधिभोग के अन्तरण के मामले में उपभोक्ता के आवेदन पर अन्तरित किया जायेगा।
(ख) नामान्तरण के लिए आवेदन अनुज्ञप्तिधारी के स्थानीय कार्यालय में अन्तरिती या मृत उपभोक्ता के विधिक उत्तराधिकारी द्वारा विहित फीस के साथ विहित फीस के साथ प्रारूप (संलग्नक 4.11) में दाखिल किया जायेगा।
(ग) आवेदन अन्तरण या विधिक उत्तराधिकारी के दस्तावेजी साक्ष्य और उस संयोजन पर विद्युत प्रभार के कारण बकाया न होने के सबूत के साथ दाखिल किया जायेगा।
(घ) अनुज्ञप्तिधारी 21 दिनों के भीतर नामान्तरण मामले को विनिश्चत करेगा। यदि दाखिल खारिज आवेदन अनुज्ञात किया जाता है, तो सूचना आवेदक को संयोजन और औपचारिकताओं के विरुद्ध, जिन्हें अन्तरण होने के लिए पूरा किया जाना है, लम्बित बकाये के सम्बन्ध में सूचना के साथ आवेदक को दी जायेगी।
(ड) लेकिन यदि नामान्तरण आवेदन को अननुज्ञात किया जाता है और नामान्तरण से इन्कार किया जाता है, तो आदेश सकारण आदेश द्वारा आवेदक का स्वयं उपस्थित होने का अवसर प्रदान करने के बाद पारित किया जायेगा। परन्तु यह और कि मामले में, जहां नामान्तरण अनुज्ञात नहीं किया जाता, वहां अन्तरण की ईप्सा करने वाला अन्तरिती पुराने नाम (किन्तु उपभोक्ता के मृत्यु के मामले में नहीं) में संयोजन जारी रखने के लिए सहमत हो सकेगा या स्थायी असंयोजन की ईप्सा करने का विकल्प रख सकेगा और नये संयोजन के लिए आवेदन कर सकेगा।
(च) अन्तरिती या विधिक उत्तराधिकारी 30 दिनों के भीतर लम्बित बकाये, यदि कोई हो, के साथ विहित प्ररूप में नये करार को प्रस्तुत करेगा, अन्तरण प्रभावी किया जायेगा और करार की प्रतिलिपि 07 दिनों के भीतर उपभोक्ता को भेजी जायेगी।
(छ) पी0टी0 डब्लू0 उपभोक्ताओं के मामले में, स्वप्रेरणा से नामान्तरण सरकारी राजस्व विभाग से रिपोर्ट ग्रहण करने के बाद किया जा सकेगा। लेकिन, विधिक उत्तराधिकारी विद्युत बकाये का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा और इस प्रभाव का शपथ-पत्र प्रस्तुत करेगा।
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